गोचर
प्रश्न कुंडली देखते समय उन significator पर विचार नहीं करना चाहिए,
जो वक्री ग्रह के नक्षत्र में स्थित है,दशा और अंतर्दशा से संबंधित घटना के
घटने में सहायक नहीं होंगे। इस प्रकार सर्वाधिक बलवान सिग्नीफिकेटर ,
महादशा स्वामी बनता है। उससे कमजोर या बराबरी का अंतर्दशा स्वामी बनता है ।
गोचर :-
किसी भी घटना क घटित होने में केवल अन्तर्दशा ही नहीं Tansit भी महत्वपूर्ण है।
घटना के समय महादशा के सभी DBA ग्रह यदि घटना से जुड़े भावो से सम्बन्ध
बनते है चाहे डायरेक्ट या indirect तो ही घटना घटती है।
लकिन अगर गोचर में दशा और अन्तर्दशा ग्रह घटना के सैंफिकेटर्स
से राशि और ग्रह नक्षत्र आदि से न जुड़े तो घटना नहीं घटेगी।
Example :-
विवाह का उदहारण लेते है :-
शादी के लिए -गुरु ,बुध्द , शनि,राहु, जातक की कुंडली में शादी के
significators है तो इन्ही की DBA में ही शादी होगी।
अब कब होगी उसके लिए हमको गोचर देख्ना होगा।
१) घटना एक महीने में होगी तो चन्दर का गोचर को देखो।
२) एक वर्ष के अंदर अंदर तो सूर्य के गोचर से देखो।
३) एक वर्ष से अधिक संभव हो तो फिर गुरु गोचर से
घटना का फलादेश करना होता है।
४) साथ ही घटना के कुछ करक भी होते है ,
उनका भी ध्यान देखना बहुत ज़रूरी होता है
जैसे :- आयु का करक शनि है , तो फिर शनि के गोचर
और बाधकेश और मारकेश को देख कर आयु का देखो।
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